।। मेरी अभिलाषा है ।।
तारों-सा दमकूँ मैं,
झलमल-झलमल उज्ज्वल
चंदा-सा चमकूँ मैं
मेरी अभिलाषा है ।। 1 ।।
फूलों-सा महकूँ मैं
विहंगो-सा चहकूँ मैं
गुंजित कर वन-उपवन
कोयल-सा कहकूँ मैं
मेरी अभिलाषा है ।। 2 ।।
नभ से निर्मलता लूँ
शशि से शीतलता लूँ
धरती से सहन-शक्ति
पर्वत से दृढ़ता लूँ
मेरी अभिलाषा है ।। 3 ।।
मेघों-सा मिट जाऊँ
सागर-सा लहराऊँ
सेवा के पथ पर मैं
सुमनों-सा बिछ जाऊँ
मेरी अभिलाषा है ।। 4 ।।
अभिलाषा व्यक्तित्व के निर्माण की अधार्शिला है, मेरी अभिलाषा मेरे
व्यक्तित्व को दर्शाती है।